वासुदेव बलवंत फड़के
वासुदेव बलवंत फड़के का जन्म
4 नवम्बर ,1845 ई. को
महाराष्ट्र मे हुआ था।

ये ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सशस्त्र लड़ाई की सुरुआत करने वाले भारत के पहले
क्रन्तिकारी थे। फड़के
नौकरी करते थे
1871 ई. में एक दिन फड़के को अपनी माँ की गंभीर बीमारी का तार मिला। तार लेकर वे अंग्रेज़
अधिकारी के पास छुट्टी मांगने के लिए गए , लकिन उन्हें छुट्टी नहीं मिली। फड़के दूसरे दिन अपने गाँव चले गए गाव जाने पर उन्हें पता चला की बिना उनका मुँह देखे माँ चल बसी है। इसके बाद फड़के ने नौकरी छोड़ दी और अंग्रेज़ो के खिलाफ क्रांति की तैयारी करने लगे। इन्हो ने पुरे
महाराष्ट्र में घूम-घूम कर नवयुवको को संघटित करने का प्रयास किया , पर सफलता नहीं मिली। तब इन्होने वनवासी जनजाति को संगठित किया और अंग्रेज़ो के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाया। फड़के बीमारी की हालत में
20 जुलाई 1879 को गिरफ्तार कर लिए गए। उन पर राजद्रोह का मुकदमा चला और आजीवन कालापानी का सजा देकर उन्हें जेल भेज दिया गया। जेल में फड़के को कड़ी शारारिक यातनाए दी गई। इन यातनाओ के कारण
17 फरवरी 1883 ई. को इनकी
मृत्यु हो गई।